- चुपचाप
- ऊँची आवाज में बोल कर
- लिख कर
- गाकर
- मंत्र की तरह जाप करके यदि प्रतिदिन 10 मिनट भी संकल्प को याद करके दोहरा लिया जाए, पुरानी मानसिक आदतों को दोहरा लिया जाये तो उन आदतों को बदला जा सकता है। कोई भी उच्च विचार एक संकल्प है, यह साधारण भी हो सकता है तथा बहुत विशेष भी। संकल्पों की एक निर्विघ्न लड़ी हो सकती है। संकल्प पूर्ति की विधिः
- शांतिपूर्ण स्थान पर आराम से बैठो
- धीरे धीरे श्वासक्रिया को नियंत्रित करो (क्ममच ठतमंजीपदह)
- हर सांस के साथ अपना प्रत्येक अंग ढीला करो
- आत्मिक तौर पर अपने आप को अपने शरीर से अलग महसूस करो
- 20 से 1 तक उल्टी गिणती करते हुए अल्फा लैवल तक जाते हुए मानसिक शिथिलीकरण के गहरे स्तर को प्राप्त करो। अपने आप से बातें करो कि मैं पूर्ण शांति में हूँ। मैं ईश्वर पुत्र/पुत्री हूँ, मैं उसी का अंश हूँ, ना मेरा विचार है ना इच्छा। मेरा उप-चेतन मन और स्वामी-मन(डेंजमत डपदक) सभी संकल्पों तथा सुझावों को पूरा करने के लिए तत्पर है।
- अपने शुभ संकल्प को जपो, उसको अपने मानव पटल पर एक दृश्य के रूप में देखना व विचारना आरम्भ करो। छोटे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कम से कम 21 दिन, उससे बड़े लक्ष्य के लिए तीन महीने से एक साल तक या जब तक संकल्प की पूर्ति नहीं हो जाती यह क्रिया करो। यदि जरूरत हो तो एक ही समय 2-3 लक्ष्यों की प्रात्पि के लिए कल्पना (अपेनंसप्रंजपवद) की जा सकती है। हर दिन कम से कम 15 मिनट या इससे दोगुणे समय के लिए यह प्रक्रिया करो। हम नीचे कुछ संकलपों का जिक्र कर रहें हैं जिनको हर मानव प्राप्त करने की चेष्टा कर सकता हैः
- मेरे अन्दर आत्म विश्वास है। मैं पूर्णतः आत्म-निर्भर हूँ। मुझ में दृढ़ निश्चय करने की क्षमता है। मेरे अन्दर बहुत आत्म-बल है। मैं आशा, विश्वास तथा उत्साह की मूर्ती हूँ। मैं नयीं चुनौत्तियों के लिए तैयार हूँ। मुझे अपनी विजय पर पूरा विश्वास है।
- मैं पूरी तरह आराम में हूँ। मैं हर व्यक्ति तथा वातावरण से शांति महसूस कर रहा हूँ। मैं पूर्ण रूप में संतुलित तथा स्वस्थय हूँ।
- मैं दृढ़ विश्वासी हूँ। मैं धन का इच्छुक हूँ। मैं रचनात्मक हूँ, जिससे मेरे अमीर बनने के द्वार खुल गयें हैं। मेरी कल्पना मेरी रचना को प्रेरित करती है।
- मैं स्वस्थ जीवन शैली का वाहक हूँ। मैं कम मात्रा में पुष्टिकारक भोजन करता हूँ। मेरा शरीर पतला तथा सुडौल है।
- मैं हर रोज अच्छा, और अच्छा, और अच्छा होता जा रहा हूँ।
- मेरी हर पूर्ती सहज ही पूर्ण हो रही है।
- मुझे जरूरत की हर वस्तु उपलब्ध है तथा उसका आन्नद ले रहा हूँ।
- ईश्वर ने मुझे जरूरत की हर वस्तु से मालामाल कर दिया है।
- मैं अपने आप में सम्पूर्ण हूँ।
- मैं जिस हाल में हूँ बहुत खुश हूँ।
- प्रेम तथा सद्भावना मेरा प्रतीक है।
- मेरे (संबंधी, मित्र, या जानकार का नाम दोनों) साथ संबंध प्रतिदिन अच्छे तथा बढ़िया हो गये हैं।
- मैं अपने काम को प्यार से करता हूँ, इस बारे रचनात्मक हूँ तथा हर प्रकार से और सुदृढ़ हो गया हूँ।
- दुसरों के साथ मेरा संवाद, सुचारू तथा असर भरपूर है।
- इस समय मेरे पास अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए, पैसा, ऊर्जा, समय तथा आत्मविश्वास है।
- मुझमें एकाग्रचित्त होने की पूरी सामर्थ्य है। मेरी फोटोग्राफिक याद-शक्ति है, जो कुछ पढ़ता हूँ, याद रखता हूँ। आंकड़े तथा गणित को तुरंत समझ लेता हूँ।
- मुझे अच्छी कमाई वाला संतोषजनक काम मिल गया है।
- मैं सही काम के लिए योग्य स्थान पर सही समय पर उपस्थित रहता हूँ।
- मैं जो कुछ चाहता हूँ उसको प्राप्त करना मेरे लिए स्वभावक है।
- ब्रह्मांड परिपूर्ण है, तथा हर एक की उप-जीविका के लिए बहुलता से मालामाल है।
- दिन प्रतिदिन मैं अमीर तथा खुशहाल होता जा रहा हूँ।
- ईश्वर मुझे जितना ज्यादा देता है, मैं आगे और ज्यादा बाँटता हूँ। जिससे मैं खुश रहता हूँ।
- जीवन आनन्द भरपूर है, इसको मानना सहज और स्वभाविक है।
- मैं तनावरहित (त्मसंगमक) हूँ, ध्यान केन्द्रित हूँ। मेरे पास खुला समय है जो मैं हर किसी के साथ बांटता हूँ।
- मुझे अब काम करने में आनन्द तथा संतोष का अनुभव होता है।
- क्योंकि मैं हूँ, इस लिए मैं बहुत खुश हूँ।
- मैं सेहतमंद तथा आभा भरपूर और खूबसूरत हूँ।
- ब्रह्मांड की असीम बरकतों तथा आर्शिवाद के लिए मेरा आंचल सदैव खुला है।
- ………… मुझे आसानी तथा बिना किसी विशेष मेहनत से प्राप्त हो रहा है।
- भगवान मेरी जिन्दगी के हर पहलु पर योग्य मार्ग दर्शन कर रहा है।
- मैं अपने मन, शरीर, अनिवार्य कार्यों तथा खुशनुमा रिश्तों के लिए परिपूर्ण परमात्मा का कृर्ताथ तथा धन्यवादी हूँ।
- मेरे जीवन का हर पहलू सुचारू तथा ठीक दिशा में चल रहा है।
- मैं हर पल वर्तमान में आनन्द का बीज डाल रहा हूँ, मेरा भविष्य आनन्द ही आनन्द है।
- मैं प्रतिदिन स्वस्थ, और स्वस्थ होता जा रहा हूँ। मेरे शरीर की रोगनाशक प्रणाली कुशलता से काम कर रही है। पूर्ण स्वस्थ रहने के लिए मैं अपने मन की असीम शक्तियों का उपयोग करता हूँ।
- मैं हर समस्या पर तेजी से विचार करके इसका समाधान कर लेता हूँ तथा श्रेष्ठ फल प्राप्त करता हूँ।
- मेरे में लीडरशिप के सभी गुण विद्यमान हैं तथा दुसरों को दिशा निर्देष देने में पूरी तरह सामर्थ्य हूँ तथा अपना लक्ष्य प्राप्त करने में भी सामर्थ्य हूँ।
- अपने जीवन में संतोष तथा सुख की प्राप्ति के लिए मैं अपना स्थान आप बनाता हूँ। जो मैं बदल नहीं सकता उसको स्वीकार करता हूँ, जो मैं बदल सकता हूँ उसे मैं बदल देता हूँ। मैं अपने सुखी तथा समृद्ध हालात की परिकल्पना करता हूँ तथा उसे पूरा करता हूँ। मैं सुखी और संतुष्ट हूँ।
- मैं गहरी नींद में सौता हूँ। नींद का आनन्द मानता हूँ। सुबह तरोताजा तथा संतोष महसूस करता हूँ। अपनी इच्छामात्र से ही सो जाता हूँ।
- मेरा गुस्सा और चिड़चिड़ापन समाप्त हो गया है। दुसरों से संबंध अच्छे हो गये हैं। नकारात्मक सोच समाप्त हो गयी है।
- अपराध बोधः मैं अपनी पुरानी गल्तीयों को छोड़ चुका हूँ। मैंने अपने आप को क्षमा कर दिया है। मैं अपने अपराध बोध से मुक्त हो गया हूँ।
- मैं चिंता तथा भय से मुक्त हो चुका हूँ। मैं आत्मविश्वासी तथा आशावादी हो गया हूँ तथा मेरे सभी विचार सकारात्मक हो गयें हैं।
- मैंने अपनी बुरी आदतों पर काबू पा लिया है। मैं आत्मिक तौर तथा स्वःविश्वासी हो गया हूँ। …..आदत छोड़ने की मेरे पास आत्मबोध तथा शक्ति है, मैने इस आदत को हमेशा के लिए छोड़ दिया है।
- दुसरों से संबंध : दुसरे लोगों से मेरे संबंध बहुत अच्छे हो गये हैं मैं उनसे अच्छे से बात करता हूँ, वो जैसे भी हैं मुझे स्वीकार हैं।
- नकारत्मकता का मेरी जिन्दगी में कोई स्थान नहीं है। जो वस्तु या कोई व्यक्ति आशावादी नहीं, वह मेरे विचारों में ही नहीं।
- मैं जो भी हूँ, ईश्वरीय देन से हूँ। मेरे लिए जीवन ही परिपूर्ण परमात्मा है।
- मैं …….(विषय का नाम) के प्रति पूरी तरह स्वःविश्वासी हूँ। मेरी इस विषय पर पूरी पकड़ हो गयी है।
- मैने अपनी भूलों तथा गल्तीयों से पाठ सीख लिया है तथा मैने अपने आप को क्षमा करके सुचेत बना लिया है। मैं गल्तीयों को दोबारा नहीं दोहराता।
- शराब पीने की आदत से छुटकारा :- मैंने शराब पीना छोड़ दिया है। इससे मैं शारीरिक एवं मानसिक तौर पर बेहतर महसूस करता हूं। इस आदत को छोडने के लिए मेरी आत्मिक शांति मेरा प्रेरणा स्रोत है।
- पुरुषों में काम शक्ति की स्फुर्ति के लिए :- मैं इस विचार से आन्नदित हूं, की मैं शक्तिशाली हूं। संभोग के समय मेरा मन एवं शरीर लयबद्व , चिंता मुक्त एवं कुशलता से काम करता है, कामउतेजना के समय मेरे अंग में प्रकृतिक रूप से कठोरता आ जाती है, कठोरता बनी रहती है। जब तक मैं तैयार नही होता मैं संख्लण नही होता। मुझ में शक्तिपूर्ण काम-कुशलता हैं। मैं अपनी संगनी की पूर्ण संतुष्टि तक उसे प्यार करता हूं।
- स्त्रीयों में काम-शक्ति का संचार बढाने के लिए :- मेरे अन्दर गहरी काम इच्छा है। मैं अपने संगी के साथ पूर्ण रुप से एवं दिल से प्यार करती हूं। संभोग के दौरान पूर्ण काम-उतेजना प्राप्त कर आन्नदित होती हूं। मेरे लिए काम एक शरीरिक प्रक्रिया से बढकर आत्मिक सुख प्रदान करता है इस प्रक्रिया में मैं तन मन से खुल कर अपने साथी का साथ देती हूं और सहज ही गहरी काम-तृप्ति अनुभव करती हूं। इन संकलपों की पूर्ति अधिक लम्बी हो सकती है, अपनी समस्यों के मुताबिक हम अपने संकलप र्निधारित कर सकते है। इन्हें सफलतापूर्वक प्रयोग में ला सकते है। जितना अधिक ध्यान इस तरफ मानसिक एवं भावनात्मक तौर पर देगें। इनकी कार्य कुशलता उतनी ही बढ़ जाएगी। सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है, कि इन्हें सुबह जागने के बाद 10-15 मिनट दोहराया जाए। ऐसे ही सोने से पहले 10-15 बार यह क्रिया की जाए। यह दिन के दो समय वह है जब हम संसार से कट चुके होते है। इन संकलपों को मन में दोहरा कर, बोल कर, लिख कर, गा कर हर दिन 10-15 मिनट दोहरा कर वर्षो पुरानी हानिकारक मानसिक आदतों से छुटकारा पाया जा सकता है

संकल्प
सकारात्मक, शुभ तथा प्रभावशाली संकल्पों की पूर्तिके लिए।
मानव इच्छाओं का प्रतिरूप है। इच्छाओं बिना मानवी मानसिकता संभव नहीं। इन पर लगाम नहीं लगायी जा सकती। इच्छाओं की लगाम कसने के लिए अध्यात्म की जरूरत है। व्दसल पि ूपेमे ूमतम ीवतेमे अंग्रेजी की कहावत बहुत प्रचलित है।
जब हम दृढ़ता से किसी इच्छा की पूर्ति पूर्ण करने के लिए जी-जान से कोशिश करते हैं यही संकल्प है। शुभ इच्छा, सकरात्मकता, शुभ तथा प्रभावशाली संकल्प है।
हमारे मन के अन्दर लगातार विचारों का अन्तहीन प्रवाह चलता रहता है। इस प्रवाह के भीतर विचार तथा दिमाग अपनी ‘‘राय’’ लगातार बनाता रहता है। इसी सोचे समझे विचार को जब मन गम्भीरता से समझता है तथा इसकी पूर्ति करना चाहता है, यह संकल्प का आधार बनता है। यह वह विचार होते हैं जो हमारे मन की छालनी में से निकल कर सामने आते हैं। रेकी हमारे संकल्पों को पूरा करने में हमारी सहायता करती है तथा हमारे जीवन प्रति विचारों में ऐसे बदलाव लाती है जो लाभकारी हो सकते हैं।
संकल्प की पूर्ति इस तरह की जा सकती है।
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